tag:blogger.com,1999:blog-4976009282279614233.post4085508181441460623..comments2022-11-27T01:00:25.478-08:00Comments on द्विजेन्द्र "द्विज": ग़ज़लPrakash Badalhttp://www.blogger.com/profile/04530642353450506019noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-4976009282279614233.post-67419258705188165492009-01-16T08:45:00.000-08:002009-01-16T08:45:00.000-08:00ज़ख़्म तू अपने दिखाएगा भला किसको यहाँ,यह सदी पत्थर...ज़ख़्म तू अपने दिखाएगा भला किसको यहाँ,<BR/><BR/>यह सदी पत्थर—सी है संवेदनाओं के ख़िलाफ़।<BR/><BR/>बहुत खूब.....नमन है आप की कलम को ....!!हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4976009282279614233.post-13020010298589599392009-01-13T10:01:00.000-08:002009-01-13T10:01:00.000-08:00इस गज़ल को फिर-फिर-फिर पढ़ने लौटा.कुछ अजब सा जादू लि...इस गज़ल को फिर-फिर-फिर पढ़ने लौटा.कुछ अजब सा जादू लिये हुये...<BR/>और ये शेर तो पूरी दुनिया को सुनाता फिरता हूं <BR/>"ग़ज़लें कहना बात अलग / पर शे‘रों—सा बनना और"<BR/><BR/>उस कलम को नमन !!!गौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4976009282279614233.post-44563190429358782272008-12-13T18:46:00.000-08:002008-12-13T18:46:00.000-08:00आदरणीय शर्मा साहबसादर प्रणाम.हौसला अफज़ाई और आशीर्व...आदरणीय शर्मा साहब<BR/>सादर प्रणाम.<BR/><BR/>हौसला अफज़ाई और आशीर्वाद के लिए आभार. <BR/>सादर<BR/> <BR/>द्विजद्विजेन्द्र ‘द्विज’https://www.blogger.com/profile/16379129109381376790noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4976009282279614233.post-35167853593332252772008-12-13T16:53:00.000-08:002008-12-13T16:53:00.000-08:00'द्विज' साहेबये ज़रा अलग ही अंदाज़ की ग़ज़ल बहुत प...'द्विज' साहेब<BR/>ये ज़रा अलग ही अंदाज़ की ग़ज़ल बहुत पसंद आई। कुछ नई सोचों को बड़ी ख़ूबी से क़लमबंद किया है। हर शे'र अपने आप में बेमिसाल है। <BR/>quasi-caesura breaks का इस्तेमाल करके तो आपने चकित कर डाला। उर्दू में लफ़्ज़ याद नहीं आ रहा। हिंदी में शायद यति या यत्यात्मक से काम चल जाए। <BR/>आप की रचनाओं पर कुछ कहना सूरज के आगे चराग़ वाली बात होगी।<BR/>महावीरमहावीरhttps://www.blogger.com/profile/00859697755955147456noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4976009282279614233.post-3118497070848818882008-12-13T11:52:00.000-08:002008-12-13T11:52:00.000-08:00बहुत खूब--आप की ग़ज़लों से बहुत कुछ सीखने को मिलता...बहुत खूब--आप की ग़ज़लों से बहुत कुछ सीखने को मिलता हैDr. Sudha Om Dhingrahttps://www.blogger.com/profile/10916293722568766521noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4976009282279614233.post-87433866091776055202008-12-13T10:11:00.000-08:002008-12-13T10:11:00.000-08:00द्विज जी की रचना पर क्या कहूँ...???लाजवाब....नीरजद्विज जी की रचना पर क्या कहूँ...???लाजवाब....<BR/>नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4976009282279614233.post-28575059106905176152008-12-12T14:40:00.000-08:002008-12-12T14:40:00.000-08:00मत्ला बहुत ही ख़ूबसूरत। पूरी ग़ज़ल अच्छी है।मत्ला बहुत ही ख़ूबसूरत। पूरी ग़ज़ल अच्छी है।Manoshi Chatterjee मानोशी चटर्जी https://www.blogger.com/profile/13192804315253355418noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4976009282279614233.post-25433741227872762782008-12-12T10:08:00.000-08:002008-12-12T10:08:00.000-08:00सादर प्रणाम!-----------------------ख़ाब जुदा रंग भ...सादर प्रणाम!<BR/><BR/>-----------------------<BR/><BR/>ख़ाब जुदा रंग भरना और<BR/>कहना और है करना और<BR/><BR/>सेहरा का दुख समझे कौन<BR/>होना और गुज़रना और<BR/><BR/>आया तो कट भी जायेगा<BR/>पर उस पल से डरना और<BR/><BR/>घर में रहना बात जुदा<BR/>दिल में जान उतरना और<BR/><BR/>---------------------<BR/><BR/>क्या ख़्याल है, है ना इसी ज़मीं में उपजी आपकी ग़ज़ल!Vinayhttps://www.blogger.com/profile/08734830206267994994noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4976009282279614233.post-16507548627286260942008-12-12T07:15:00.000-08:002008-12-12T07:15:00.000-08:00द्विज जी नमस्कार,बहोत ही सरल शब्दों में लिखी बेहतर...द्विज जी नमस्कार,<BR/>बहोत ही सरल शब्दों में लिखी बेहतरी ग़ज़ल ज़िन्दगी के बेहतरीन पहलू को बखूबी तरीके से सामने रखा है बहोत ही सुंदर भाव भरे ... बहोत खूब द्विज जी ..<BR/><BR/>आभार <BR/>अर्श"अर्श"https://www.blogger.com/profile/15590107613659588862noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4976009282279614233.post-30913532789229589382008-12-12T05:56:00.000-08:002008-12-12T05:56:00.000-08:00.........अपनी नजर में गिरना और..... गहरे अहसास दे ............अपनी नजर में गिरना और..... गहरे अहसास दे जाती है.sshttps://www.blogger.com/profile/10746526495871896780noreply@blogger.com